Sunday 6 December 2015

हमें कोई गम न था बस तेरी इस दोस्ती से पहले

हमें कोई गम न था बस तेरी इस दोस्ती से पहले,
ना ही था कोई दिलेर-दिल बस तेरी आशिकी से पहले,
है ये किस्मत का तकाजा इसमे था तेरा कसूर क्या,
तेरे गम ने ही मार डाला हमें इस जिंदगी से पहले............//

मेरा दिल जल रहा है अब बारिशें तो करदे,
गर है तुझे भी प्यार तो उस चाँदनी से पहले,
मेरी खामोशियों में भी तेरे अहसास का पहल है,
छुपे हजारों गम में बस तेरी इक मुश्कान के बदले ...........//

माना की परछाइयों की उस तस्वीर पे खफा हो,
तो आवाज दो हमें भी ऐसे सिर्फ खुद को ना सजा दो,
क्या अनजान बनकर आये थे इस दिल्लगी में रहने,
देखो जरा मुड़कर ,
है दोस्तों में नाम तेरा, आज भी उस खुदा से पहले...........//

                                                     लेखक 
                                            हरिकेश सिंह "अकेला "