Friday 15 February 2013

ज़िन्दगी है एक आईना .................

ज़िन्दगी  है  एक आईना , मुसाफिर  हम  हैं ,
रोशनी इक पड़ी है अभी, मगर ये आग कम है ,
रंगों से सजाकर इक तस्वीर है बनायी हमने ,
मगर देखता हूँ अभी तो इसकी बनी बुनियाद कम है.........//


है तमन्ना कि कल सुबह होने से पहले हर पल को सजा लेंगे ,
काफिला भी फीका पड़े यदि कही तो हर कारवाँ को चुरा लेंगे ,
अरे हमने भीं सफ़र किया है ज़िन्दगी के हर मंजर का ,
हम भी इसके सौदागर हैं, कही तो ठहर आयेंगे किसी नजर को.......// 


राहों में अब तो आरज़ू को सैलाब बना देना है ,
यादों को याद किया मगर वादों को निभा देना है ,
कौन कहता है कि किस्ती मोहताज है किसी मुसाफिर की ,
हमें तो मंजिल का हर पहलू हकीकत से सजा लेना है .......//


..........................................Author---
                                                           Harikesh Singh  " AKELA "

                                         www.harikeshakela.blogspot.com 

Monday 11 February 2013

हमेसा से दुनिया मेरी गुलाम रही है
हर मोड़ पे हर कदम पे मोहताज रही है
मैं वक़्त हु , वक़्त का तराजू कभी झुकता नहीं
मैं सक्त हूँ ,किसी के मोह  से कभी रुकता नहीं ...//


चलना मेरा जीवन है , भूलना इंसान का दस्तूर है ,
हर वक़्त मेरा वजूद समझो ,चला गया तो दुखी  समझो
मई चला जाउंगा मगर मेरी आवाज चुटकियों में मिला करेगी
मई वक़्त हूँ और ज़िंदगी वक़्त की मोहताज है डगर हरपल कहा करेगी ....//













The world is always be my slave
Every step on every turn is dependent on
I am in time, time scales never bends
I'm tough, someone to love never stops ...



Walking is my life, forget that the way of man,
Consider my existence all the time, went so sad Treat
But my voice will get will go like hot cakes in May
May time and life time I have driven pathways will say all the time .... / /
 

Friday 8 February 2013

I am the clouds,

मैं वो बादल हूँ ,........





मैं वो बादल हूँ ,
जो सुखी धरती पर जाकर ,
प्यास बुझाकर हर राही की ,
उल्लास भाव से हर्सुंगा ........//

मैं वो बादल हूँ ,
जो संस्कृति कवच कुंडल है ,
यदी मानवता सीमा पार चली ,
तो धधकता सूर्य - सौर्यमंडल है .........//

मैं वो बादल हूँ ,
जो पत्थर दिल पिघलाऊंगा ,
बरसो से सूखे नयनों में ,
सावन फिर से लाऊंगा ..........//

मै वो बादल हूँ ,
जो  राग गीत सुनाऊंगा ,
पनप उठे हर डाली - डाली ,
पतझर सब हर जाउंगा ..//


          


.................Harikesh Singh " AKELA "