Friday 8 February 2013

मैं वो बादल हूँ ,........





मैं वो बादल हूँ ,
जो सुखी धरती पर जाकर ,
प्यास बुझाकर हर राही की ,
उल्लास भाव से हर्सुंगा ........//

मैं वो बादल हूँ ,
जो संस्कृति कवच कुंडल है ,
यदी मानवता सीमा पार चली ,
तो धधकता सूर्य - सौर्यमंडल है .........//

मैं वो बादल हूँ ,
जो पत्थर दिल पिघलाऊंगा ,
बरसो से सूखे नयनों में ,
सावन फिर से लाऊंगा ..........//

मै वो बादल हूँ ,
जो  राग गीत सुनाऊंगा ,
पनप उठे हर डाली - डाली ,
पतझर सब हर जाउंगा ..//


          


.................Harikesh Singh " AKELA "

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