Sunday 29 September 2013

हमने तो ज़िन्दगी भी किसी को दान कर दिया ,

कहीं ख़ुशी मिली तो उधार दे दिया ,
किसी को रोंशनी का चिराग दे दिया .
वो भी एक फरिस्ता था पर मुझसा तो नहीं ,
हमने तो ज़िन्दगी  भी  किसी  को दान कर दिया ,


अनजान अजनबी हूँ  , इन खामोश रास्तों का .
जज्बात जिंदगी हूँ  , इन बदनाम अहटों का,
कहीं किरण मिली तो अहसास हूँ डगर का,
नादान तो नहीं है  ,पहचान हूँ हर कल का .


--------- हरिकेश सिंह " अकेला "
https://www.harikeshakela.blogspot.com

Thursday 12 September 2013

ऐ जिंदगी जरा लौट आ .............................

A  SONG OF LIFE.......

यहीं है ये जमीं , यहीं है आसमां ,
यहीं हैं ये वादियाँ , यहीं है सारा जहाँ ,
दिल ढूड़ता है जिसे राहों में ,
दिल तड़प गया जिसकी आहों में ,
उसे जानती क्यों नहीं .........
मेरी राहों में, मेरी बाहों में , इन निगाहों में आ रे आ ,
ऐ जिंदगी जरा लौट आ .............................

तुझे ढूड़ता है दिल राहों में ,
हर गली हर फिजावों में ,
तू खो गयी कहा है जानेजा ,
ऐ मेरी जिंदगी तुझे आना है,
मेरी राहों में, मेरी बाहों में , इन निगाहों में आ रे आ ,
ऐ जिंदगी जरा लौट आ .............................

वो लकीर है जिसके दूर है तू ,
एक बात है जिससे मजबूर है तू,
हर निगाह बस तेरी है , हर आवाज बस तेरी है,
तू सुन रही है ना , तुझे आना है ,
मेरी राहों में, मेरी बाहों में , इन निगाहों में आ रे आ ,
ऐ जिंदगी जरा लौट आ .............................

एक सपना है तू एक मुकाम का,
एक आशा है तू हर जज्बात का,
इन आखों की गहराई है तू,
मेरी ख्वाबों की परछाई  है तू,
मैं हूँ नदी तू किनारा है ,
तू सुन रही है ना , तुझे आना है ,
मेरी राहों में, मेरी बाहों में , इन निगाहों में आ रे आ ,
ऐ जिंदगी जरा लौट आ .............................


......................HARIKESH SINGH " AKELA "