किसी की है कहानी , किसी का है ज़माना ,
आँखों में जो रोंशनि है , उसी का है फशाना ,
ढुडता हर डगर है, मेरा ये दिल आशिकाना ,
कुछ दूर चलके ,मिली है अभी दरिया बाकि है वो किनारा . ........//
जला दो ये रवानी , लुटा दो ये जवानी ,
मिटा दो सबकी यादे , बन जाए नयी कहानी ,
जंजीर में बंधे हो , ये दीवार गिरा के देखो ,
ये रेत का मंजर है वो आगे है जिंदगानी .............//
आँखों में जो रोंशनि है , उसी का है फशाना ,
ढुडता हर डगर है, मेरा ये दिल आशिकाना ,
कुछ दूर चलके ,मिली है अभी दरिया बाकि है वो किनारा . ........//
जला दो ये रवानी , लुटा दो ये जवानी ,
मिटा दो सबकी यादे , बन जाए नयी कहानी ,
जंजीर में बंधे हो , ये दीवार गिरा के देखो ,
ये रेत का मंजर है वो आगे है जिंदगानी .............//
लेखक .......हरिकेश सिंह " अकेला ".
www.harikeshakela.blogspot.com