इस दोस्ती को तोड़ा तुमने बेवाफयियाँ जो करके ,
ये आंसू कम नहीं तुमने जो जख्म दिया ,
भूल नहीं पाएंगे हम पल भी ये मरके ,
हम भी याद रखेंगे यार तन्हाईयाँ ये गम के //
लेखक ............
हरिकेश सिंह " अकेला "
harikeshakela.nit.iim@gmail.com
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