Thursday 15 November 2012

अगर इन्शान कोशिस करे तो उसे उसकी तकदीर या नशीब जादा दिनों तक धोका नहीं दे सकती

                 रश्मि 

रश्मि आती खुशियाँ लाती  ,
सारे जग का तम दूर भगाती  ,
सोये बालक बुजुर्ग जनों के  ,
नवजीवन में नव चीर जगाती  //

रश्मि अनल में , रश्मि गगन  में  ,
रश्मि है रश्मि की सघन में  ,
रजनिपति  की रजनी गुफा में  ,
चली जाती है रश्मि की गुफा में  //

रश्मि कभी ना बुझी है बुझेगी  ,
सौ - सौ कोटी बार अपार  , 
किरणे संजोये चली है जाती ,
दुनिया के इसपार - उसपार  //

नयी मोती है जीवन ज्योति है ,
भावी किरण की  एक मोती है ,
ज्योतिमय हो जाता संसार ,
रश्मि बिना सब शुन्य समान   //

रश्मि सोती सबको  है सुलाती ,
जाते हुए सन्देश सुनाती ,
रश्मि मोद     का    है    संसार ,
कभी न करना तुम अभिमान  ,
सत्य - अहिंसा ,सच्चाई पर चलना ,
तभी जाके  होगे तुम भी महान  //

( अगर  इन्शान कोशिस करे तो उसे उसकी तकदीर या नशीब जादा दिनों तक धोका नहीं दे सकती  // .)


लेखक ........
           हरिकेश  सिंह  " अकेला "
harikeshakela.nit.iim@gmail.com

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