रश्मि
रश्मि आती खुशियाँ लाती ,
सारे जग का तम दूर भगाती ,
सोये बालक बुजुर्ग जनों के ,
नवजीवन में नव चीर जगाती //
रश्मि अनल में , रश्मि गगन में ,
रश्मि है रश्मि की सघन में ,
रजनिपति की रजनी गुफा में ,
चली जाती है रश्मि की गुफा में //
रश्मि कभी ना बुझी है बुझेगी ,
सौ - सौ कोटी बार अपार ,
किरणे संजोये चली है जाती ,
दुनिया के इसपार - उसपार //
नयी मोती है जीवन ज्योति है ,
भावी किरण की एक मोती है ,
ज्योतिमय हो जाता संसार ,
रश्मि बिना सब शुन्य समान //
रश्मि सोती सबको है सुलाती ,
जाते हुए सन्देश सुनाती ,
रश्मि मोद का है संसार ,
कभी न करना तुम अभिमान ,
सत्य - अहिंसा ,सच्चाई पर चलना ,
तभी जाके होगे तुम भी महान //
( अगर इन्शान कोशिस करे तो उसे उसकी तकदीर या नशीब जादा दिनों तक धोका नहीं दे सकती // .)
लेखक ........
हरिकेश सिंह " अकेला "
harikeshakela.nit.iim@gmail.com
pls. Read ..on------------harikeshakela.blogspot.in
No comments:
Post a Comment